इश्क के रिश्ते कितने अजीब होते है? दूर रहकर भी कितने करीब होते है; मेरी बर्बादी का गम न करो; ये तो अपने अपने नसीब होते हैं!
*जो दिल❤ मे है उसे कहने की हिम्मत रखो* *ओर जो दूसरो के दिल?? मे है उसे समझने की समझ रखो
दुनिया लाख कहे कि तन्हा हुआ हूँ मैं मोहब्बत में अरे जब मैं था ही नहीं मोहब्बत में तो तन्हाई कैसी......
वो बिछड़ा ही नहीं अब तलक तो बेवफ़ाई कैसी और अगर वो मिला ही नहीं तो फिर जुदाई कैसी
पीने पिलाने की क्या बात करते हो, कभी हम भी पिया करते थे, जितनी तुम जाम में लिए बैठे हो, उतनी हम पैमाने में छोड़ दिया करते थे!!
देखते हैं अब क्या मुकाम आता है साहब, सूखे पत्ते को इश्क़ हुआ है बहती हवा से। दिलों में रहता हूँ, धड़कने थमा देता हूँ मैं इश्क़ हूँ ,वजूद की धज्जियां उड़ा देता हूँ.. ठुकरा दी मैंने जिल्लत भरी खुशियाँ,, इज्जत से गर गम मिले तो वही कुबूल हैं..
खामोशी जुर्म हैं इस दौर में बोलना सीखो... वरना मिट जाओगे हालात के तुफानो में...!!
मेरे दिल से उसकी हर गलती माफ़ हो जाती है., जब वो मुस्करा के पूछती है "नाराज़ हो क्या"..।।
जमी पर रह कर आसमान ! छूने की फितरत है। मेरी ........* पर गिरा कर किसी को उपर उठने का शोक नही मुझे !
बड़ रहा है दर्द-ओ-गम उसको भूला देने के बाद, याद उसकी और आयी खत जला देने के बाद।
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