shayari आलम-ए-गुस्ताख़ है , करार चाहिए उन |
आलम-ए-गुस्ताख़ है , करार चाहिए
उन झुकती नज़रों का दीदार चाहिए
ख़र्च हो गया हूँ फ़िज़ूल में बहुत
तेरी पनाह में बस कुछ लम्हात चाहिए ।
loading...
shayari जो भी आता है एक |
जो भी आता है
एक नया दर्द देके चला जाता है
माना कि मैं मजबूत हूँ
लेकिन पत्थर तो नही हूँ
shayari हाल तो पूछ लू तेरा |
हाल तो पूछ लू तेरा पर डरता हूँ आवाज़ से तेरी,
ज़ब ज़ब सुनी है कमबख्त मोहब्बत ही हुई है।
shayari लत ऐसी लगी है कि |
लत ऐसी लगी है कि तेरा नशा मुझसे
छोड़ा नहीं जाता,
हकीम भी कह रहा है कि इक बूँद इश्क भी अब जानलेवा है.
loading...
shayari जगह देनी है तो अपनी |
जगह देनी है तो अपनी रूह में दे..!
यूँ दिलों में तो बहुतों के बसते हैं हम.
shayari प्यार की भी अलग ही |
प्यार की भी अलग ही प्रथा है,
पल भर में हो जाता है उम्र भर के लिए ।
shayari फितरत सी है मेरी तुझे |
फितरत सी है मेरी तुझे याद करना,
आदत जो होती तो छोड़ देते कब के ।
loading...
shayari आते हैं मेरे महबूब को |
आते हैं मेरे महबूब को जादू कमाल के,
देखो ले गये हैं मुझको,
मुझसे ही निकाल के ।
shayari उम्र का काम तो है |
उम्र का काम तो है ढलना..!!
मगर महोब्बत हम जारी रखेंगे....!!!
shayari दाद मिल जाती है बस |
दाद मिल जाती है बस आपकी निगाहों से,
फिर जमाना मेरी तहरीर सुने या ना सुने.!!
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें