जाना तेरा फैसला था माफ़ी मेरी मोहब्बत यक़ीन करना मेरी गलती झूठी तेरी फ़ितरत..
अपने मेहमान को पलकों पे बिठा लेती है ,, गरीबी जानती है घर में बिछौने कम हैं...!!
इंसान वही श्रेष्ठ है, जो बुरी स्थिति में फिसले नहीं, एवं अच्छी स्थिति में उछले नहीं...
🕊💕ऐ बारिश ज़रा दो पल को थम भी जा मेरे कागज़ी अरमानो की कश्ती मेहबूब तक पहुंच जाने दे💕🕊
💕💕 *गुलाबों ने ख्वाबों की हक़ीक़त सिखाई है* *मोहब्बत भले ही न मिली हो मगर प्रीत हमने दिल से निभाई है* 💕
*कभी कभी पता ही नहीं लगता दाँव पर क्या लगा है.....*😔 *हारने के बाद अहसास होता है बहुत कुछ हार गए हैं.....*😔
💕💕 *जरा-सा झूठ ही लिख* *दो कि तुम बिन दिल नहीं लगता*, 💕💕 *हमारा दिल बहल जाए तो तुम फिर से मुकर जाना*।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें